तीन ताल के 50वें (श्रवण जयंती) एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए: -पिछले एपिसोड में इंजीनियरों को हौंकने पर बाबा पर चलें प्रतिक्रियाओं के बाण. बाबा ने किसे किया तीन ताल का जामवन्त मनोनीत और ताऊ ने किस प्रख्यात समाजसेवी और विचारक की बात कहकर तीन ताल के तकरीबन साल भर के सफ़र को किया याद? -तीन लोगों की ताल कैसे बन गयी तीन ताल? ताऊ और बाबा एक दूसरे को क्यों छेड़ते हैं? -श्रवण जयंती पर आई चिट्ठियों के बहाने शहरों के नाम, संयुक्त और एकल परिवारों की करुण कथा का ज़िक्र. मीडिया के सूत्र क्यों कमज़ोर हुए और सूत्रों के मर जाने से देश का कितना बुरा हुआ? -ठोकर नहीं खाया तो क्या खाया और क्या सच में समय का अभाव हो गया है? नई पीढ़ी पर संदेह करें या उनसे सीखें और मोबाइल नम्बरों से लोगों की पहचान करते ताऊ, बाबा और सरदार. -और, तीन ताल में पहली बार न्योता वाले श्रोताओं से ताऊ, बाबा और सरदार की लाइव गपशप. बतरस में शामिल हुए भदोही, लन्दन, अहमदाबाद, बनारस और जम्मू के श्रोता. उनके अनुभव और सुझावों पर बाबा और ताऊ का टेक. प्रड्यूसर: शुभम तिवारी साउंड मिक्सिंग: अमृत रेगी
http://dlvr.it/S8KjYx
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