असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए जो छात्रों को भविष्य में कुछ भी करने का विकल्प दे सके. किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए जहां बच्चे अपने निर्णय खुद ले सकें.
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