कहते हैं कि सत्ता के सुख में इतना ज्यादा मशगूल नहीं होना चाहिए कि अपने ही रूठ जाएं. शिवसेना ने सत्ता के लिए हिंदुत्व की राह क्या छोड़ी पार्टी को लेने के देने पड़ गए. सत्ता के आकर्षण ने विद्रोह के इस तूफान को ढाई साल तक तो बांधे रखा लेकिन जब समझौतों ने सीमा पार की तो ये तूफान ठाकरे परिवार के पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी को बहा ले जाने पर आमादा हो गया. अब उद्धव ठाकरे भावुक अपील कर रहे हैं लेकिन फायदा होता नहीं दिखता. उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन सरकारी आवास वर्षा से बोरिया-बिस्तर बांध लिया है. मुंबई में उद्धव ठाकरे अपने सरकारी आवास से सीधे मातोश्री पहुंचे. सरकारी आवास से आदित्य ठाकरे, रश्मि ठाकरे भी निकलकर मातोश्री पहुंच चुके हैं, जहां समर्थकों की भारी भीड़ है. देखें ये रिपोर्ट.
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