गुजरात के अनु भाई सोमपुरा की निगरानी में ही अयोध्या में पहली बार मंदिर निर्माण के लिए पत्थर आया था और पत्थरों को तराशने का काम शुरू हुआ था. वह अपने भाई और बड़े बेटे के साथ अयोध्या आए थे और फिर यहीं के होकर रह गए. तराशे गए पत्थर लोगों की श्रद्धा का केंद्र है. मगर, अनु भाई सोमपुरा के लिए जीवन भर की तपस्या है.
http://dlvr.it/T0X4Gr
http://dlvr.it/T0X4Gr
EmoticonEmoticon